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अध्यात्म योग साधना
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श्रीमुनि जी
वर्तमान युग का मानव शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग की ओर आकर्षित हो रहा है। बड़े-बड़े नगरों से लेकर गाँवों तक में योग कक्षाओं का प्रचलन प्रारम्भ हो गया है। इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में मानव ने काफी कुछ सफलताएँ प्राप्त की हैं। मेडिशन के विश्वासी बुद्धिजीवी, विद्वान और वैज्ञानिक भी मेडिटेशन के प्रभावी परिणामों से चमत्कृत हैं। भारतीय प्राचीन योग के लिए यह शुभ संकेत है । आज नहीं तो कल अवश्य ही विश्व मेघा इस दिशा में गम्भीरता से अन्वेषण करेगी और विलुप्त प्रायः योग की विधियाँ पुनर्जीवित होंगी ।
प्रस्तुत पुस्तक 'अध्यात्म योग साधना' योग का समग्र सैद्धान्तिक स्वरूप प्रकट करने वाली पुस्तक है। मैंने जैन और जैनेतर सभी योग प्रक्रियाओं और साधना विधियों पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है। मैं सोचता हूँ कि जैन साहित्य में योग के बारे में जितनी चर्चाएँ एवं चिन्तन हुआ है उसे संक्षेप में स्पर्श करने का प्रयास किया है। मैं कहाँ तक सफल हो पाया हूँ, इसका निर्णय सुधि पाठकों के निर्णय पर छोड़ता हूँ ।
- प्रवर्त्तक अमर मुनि