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विषय-सूची
१-२
१. समर्पण २. भूमिका
३-४ ३. प्रधान सम्पादकीय ४. आशीर्वचन ५. प्राक्कथन ६. विषय सूची
११-२२ .७. देवीपुराण परिचय
२३-४२ ८. देवीपुराण मूलपाठ ।।
१-४६१ अध्याय १श्लोक ६६;
पृष्ठ १-५ वशिष्ठ द्वारा देवी वर्णन; देवीपूराण परिचय; देवी के साठ अवतार; पुराण के विभिन्न विषय ; प्रथम पाद त्रैलोक्यविजय ; द्वितीय पाद त्रलोक्याभ्युदय ; तृतीय
पाद शुम्भ-निशुम्भ मथन; एव चतुर्थ पाद देवासुर युद्ध । अध्याय २श्लोक १०३;
पृ. ६-१२ कामिका विद्या को प्रशंसा व उपदेश ; घोर द्वारा विष्णु की तपस्या एवं वरप्राप्ति,
दिग्विजय प्रस्थान । अध्याय ३श्लोक ३४;
पृ० १३-१५ घोरासुर द्वारा पृथिवी-विजय; वज्रदण्ड द्वारा पाताल एवं नागलोक आदि पर विजय एवं
शुक्राचार्य की शिष्यता ग्रहण। अध्याय ४. श्लोक ९३;
. पृ० १६-२२ शुक्राचार्य की असहमति पर भी काल एवं वज्रदण्ड द्वारा स्वर्ग पर आक्रमण ; इन्द्र का
विष्णु की शरण में जाना। प्रध्याय ५श्लोक १६;
प० २३-२४ वहस्पति द्वारा धर्म नीति का उपदेश; नारद का वज्रदण्ड के पास गमन; विष्ण एवं वृहस्पति का ब्रह्मलोक में जाना।