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• हरियाणा में जगाधरी, अम्बाला
उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद ( समाधि मंदिर), आगरा, गोपालपुरा, मुजफ्फरनगर
• दिल्ली में विजय वल्लभ स्मारक स्थित जिनमंदिर
गुरुमंदिर
पंजाब में लुधियाना (सुंदर नगर, इन्द्र नगर ), फाजिल्का आदि ।
कालधर्म :
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सन् 1995 में पालीताणा महातीर्थ की पुण्यधरा पर चतुर्विध संघ की उपस्थिति में आचार्य विजय इन्द्रदिन्न सूरीश्वर जी ने ऐतिहासिक धर्मसभा में 3 साधुओं को आचार्य पदवी प्रदान की
रत्नाकर विजय जी बने आचार्य विजय रत्नाकर सूरि जी जगच्चंद्र विजय जी बने आचार्य विजय जगच्चंद्र सूरि जी
नित्यानंद विजय जी बने आचार्य विजय नित्यानंद सूरि की
इस अवसर पर उन्होंनें आचार्य विजय नित्यानंद सूरि जी को पंजाब का विशेष दायित्व सौंपकर महती कृपा की।
जिनशासन की महती प्रभावना करते हुए अपनी प्रियभूमि - गुरुभूमि - पंजाब क्षेत्र के अम्बाला शहर में पौष कृष्णा 6 तदनुसार 4 जनवरी 2002 के दिन कालधर्म को प्राप्त कर देवलोक के वासी बने। महायोगी का महाप्रयाण जिनशासन की एक अपूरणीय क्षति बना।
महावीर पाट परम्परा
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