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________________ तीर्थंकर : एक अनुशीलन 8 232 धातकीखण्ड के पूर्वार्ध महाविदेह क्षेत्र के 32 तीर्थंकर 1. श्री वीरचन्द्र 2. श्री वत्ससेन 3. श्री नीलकान्त 4. श्री मुंजकेशी 5. श्री रुक्मिक 6. श्री क्षेमंकर 7. श्री मृगांक 8. श्री मुनिमूर्ति 9. श्री विमल 10. श्री आगमिक 11. श्री निष्पाप (दन) 12. श्री वसुंधराधिप 13. श्री मल्लिनाथ 14. श्री वनदेव 15. श्री बलभृत 16. श्री अमृतवाहन 17. श्री पूर्णभद्र 18. श्री रेवांकित 19. श्री कल्पशाख 20. श्री नलिनीदत्त 21. श्री विद्यापति 22. श्री सुपार्श्वनाथ 23. श्री भानुनाथ 24. श्री प्रभंजन 25. श्री विशिष्टनाथ 26. श्री जलप्रभ 27. श्री मुनिचंद्र (महाभीम) 28. श्री ऋषिपाल 29. श्री कुंडदत्त 30. श्री भूतानन्द 31. श्री महावीर 32. श्री तीर्थेश्वर धातकीखंड के पश्चिमा महाविदेह क्षेत्र के 32 तीर्थंकर 01. श्री धर्मदत्त 02. श्री भूमिपति 03. श्री मेरुदत्त 04. श्री सुमित्र 05. श्री श्रीषेण 06. श्री प्रभानंद 07. श्री पद्माकर 08. श्री महाघोष 09. श्री चंद्रप्रभ 10. श्री भूमिपाल 11. श्री सुमतिषण 12. श्री अच्युत 13. श्री तीर्थपति 14. श्री ललितांग 15. श्री अमरचंद्र 16. श्री समाधिनाथ 17. श्री मुनिचंद्र 18 श्री महेन्द्रनाथ 19. श्री शशांक 20. श्री जगदीश्वर 21. श्री देवेन्द्रनाथ 22. श्री गुणनाथ 23. श्री उद्योतनाथ 24. श्री नारायण 25. श्री कपिल 26. श्री प्रभाकर 27. श्री जिनदीक्षित 28. श्री सकलनाथ 29. श्री शीलारनाथ 30 श्री वज्रधर 31. श्री सहस्रार 32. श्री अशोक विशेष: इन 170 तीर्थंकरों में से नीलम जैसे श्याम वर्ण के 16 तीर्थंकर माणिक्य के समान लाल (रक्त) वर्ण के 30 तीर्थंकर स्वर्ण (सोने) के समान पीत (पीले) वर्ण के 36 तीर्थंकर थे।
SR No.002463
Book TitleTirthankar Ek Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnapragnashreeji, Himanshu Jain
PublisherPurnapragnashreeji, Himanshu Jain
Publication Year2016
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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