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________________ तीर्थंकर : एक अनुशीलन 219 - 20 विहरमान तीर्थंकरों का सामान्य परिचय irini tvoros o च्यवन कल्याणक जन्म कल्याणक दीक्षा कल्याणक केवलज्ञान कल्याणक मोक्ष कल्याणक जन्म नक्षत्र जन्म राशि शरीर प्रमाण वर्ण गृहवास छद्मस्थ पर्याय चारित्र पर्याय दीक्षा वृक्ष गणधर केवलज्ञानी , साधु भगवन्त साध्वी भगवन्त श्रावक गण श्राविका गण कुल आयुष्य यक्ष यक्षिणी । श्रावण वदी 1 वैशाख वदी 10 फाल्गुन सुदी 3 चैत्र सुदी 13 श्रावण सुदी 3 उत्तराषाढ़ा धनु राशि 500 धनुष कांचन (पीला) 83 लाख पूर्व 1000 पूर्व 1 लाख पूर्व अशोक 84 10 लाख 100 करोड़ (1 अरब) 100 करोड़ (1 अरब) 900 करोड़ 900 करोड़ 84 लाख पूर्व चंद्रायण यक्ष पंचागुली देवी 21. 22. | याक्ष विशेष : पंचागुली देवी ज्योतिष संबंधी देवी है एवं अनेक विद्वान् लोग उन्हें सिद्ध करते हैं। जम्बूद्वीप के महाविदेह क्षेत्र में शाश्वत जिनालयों की संख्या 124 है। 32 विजय के 32x3 = 96 अन्य हिसाब से उत्तर पूर्व, उत्तर वक्षस्कार पर्वत पर 16x1 = 16 पश्चिम, दक्षिण पूर्व, दक्षिण पश्चिम में अन्तर नदी के 12x1 प्रत्येक 31 शाश्वत जिनालय होने से 31x4 कुल शाश्वत जिनालय कुल 124 जिनालय = 12 124
SR No.002463
Book TitleTirthankar Ek Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnapragnashreeji, Himanshu Jain
PublisherPurnapragnashreeji, Himanshu Jain
Publication Year2016
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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