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________________ तीर्थंकर : एक अनुशीलन 215 महावीर स्वामी जी के निर्वाण के कितने वर्ष पश्चात् जन्म 84007 वर्ष और 5 माह 24257 वर्ष और 5 माह 168007 वर्ष और 5 माह 668007 वर्ष और 5 माह 1268007 वर्ष और 5 माह 6668007 वर्ष और 5 माह 1 हजार करोड़ 66 लाख 68 हजार 7 वर्ष 5 माह पाव पल्योपम 66 लाख 68 हजार 7 वर्ष 5 माह पौन पल्योपम 66 लाख 68 हजार 7 वर्ष 5 माह 3 सागरोपम 66 लाख 68 हजार 7 वर्ष 5 माह 7 सागरोपम 66 लाख 68 हजार 7 वर्ष 5 माह | 16 सागरोपम 66 लाख 68 हजार 7 वर्ष 5 माह 46 सागरोपम 66 लाख 68 हजार 7 वर्ष 5 माह 100 सागरोपम 66 लाख 68 हजार 7 वर्ष 5 माह 1 करोड़ सागरोपम 42 हजार 7 वर्ष 5 माह 10 करोड़ सागरोपम 42 हजार 7 वर्ष 5 माह 100 करोड़ सागरोपम 42 हजार 7 वर्ष 5 माह 1000 करोड़ सागरोपम 42 हजार 7 वर्ष 5 माह 10 हजार करोड़ सागरोपम 42 हजार 7 वर्ष 5 माह 1 लाख करोड़ सागरोपम 42 हजार 7 वर्ष 5 माह 21. 10 लाख करोड़ सागरोपम 42 हजार 7 वर्ष 5 माह 22. | 20 लाख करोड़ सागरोपम 42 हजार 7 वर्ष 5 माह 23. | 50 लाख करोड़ सागरोपम 42 हजार 7 वर्ष 5 माह 24. | 1 कोड़ा-कोड़ी सागरोपम 42 हजार 7 वर्ष 5 माह 2. | विशेष : प्रभु वीर के निर्वाण के 3 वर्ष और 81 मास के बाद चौथा आरा समाप्त हुआ। उनके निर्वाण से 21,003 वर्ष और 81 मास के बाद पाँचवाँ आरा समाप्त होगा। एवं कुल 42,003 वर्ष और 81 मास बाद यह अवसर्पिणी काल समाप्त होगा।
SR No.002463
Book TitleTirthankar Ek Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnapragnashreeji, Himanshu Jain
PublisherPurnapragnashreeji, Himanshu Jain
Publication Year2016
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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