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________________ श्रुत प्रकाशन के लाभार्थी स्व. श्री मोतीलाल जी एवं स्व. श्रीमती बिदामीदेवी डागा __ की पुण्य स्मृति में सुपुत्र महेंद्रकुमार-स्व. कनकदेवी,भारतीदेवी सुपुत्र प्रदीपकुमार-किरणदेवी सुपौत्र गौतम , भव्य सुपुत्री सुमनदेवी-विनोदकुमार जी सुराणा सुपौत्री निधि-वरुण नाहटा आस्था, मनीषा पुत्र, पौत्र, प्रपौत्र स्व. सुन्दरदेवी गोकलचंद डागा, पीलीबंगा, जिला हनुमानगढ़, राजस्थान प्रतिष्ठान : ओसवाल सीड्स, पीलीबंगा फोन : 01508-233341, 07742204000 साध्वी दिव्यप्रज्ञा श्रीजी म. ( हमारी बेन म.) के जीवन की तपाराधना निमित्ते ___45 उपवास, 36 उपवास, 15 उपवास, 2 वर्षीतप, सिद्धितप, श्रेणितप, चत्तारि अट्ठ दस दो तप, वर्धमान तप का पाया एवं 19 ओली, 108 पार्शवनाथ तप इत्यादि
SR No.002463
Book TitleTirthankar Ek Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnapragnashreeji, Himanshu Jain
PublisherPurnapragnashreeji, Himanshu Jain
Publication Year2016
Total Pages266
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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