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जैनत्व जागरण.....
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of foreign Brahamaryans, it celebrated its cultural triumphs over the Brahamaryans. (McCrindles)
___टोलमी ने चम्पा राज्य का वर्णन किया है। उसमें चम्पा को 'जबई' के नाम से अभिहित किया है। जो कम्बोज के पश्चिमी किनारे पर स्थित है। यह एक शक्तिशाली राज्य था । यहा के राजा अत्यन्त प्रसिद्ध थे । श्रुतवर्मन और उसका पुत्र श्रेष्ठवर्मन । श्रुत की अवधारणा जैन आगम साहित्य से है और श्रेष्ठी जैन व्यापारियों को कहते थे ।
उस समय तक ब्राह्मण पूर्वी भारत में अपना प्रभाव स्थापित नहीं कर पाये थे और बौद्ध सुदूरपूर्व में नहीं गये थे। बौद्ध चीन गये थे पश्चिम तथा उत्तर के मार्ग से । अतः कम्बोदिडा और चम्पा में जो सांस्कृतिक विरासत गयी वो जैन लोगों द्वारा ही गयी । डॉ. आर.सी. मजुमदार ने भी इसका समर्थन किया है । It is wrong to suggest that champa was a Hindu kingdom in the 2nd century A.D. (Cultural and colonial expansion.) According to Rooney South Vietnam was called champa till 2nd Century A.D.
यद्यपि अनेक ग्रंथों में इतिहासकारों ने लिखा है कि प्राचीनकाल से भारतीयों ने सब जगह उपनिवेष बसाये हैं । The story of Bhartiya emmigration dates back from the hoary past. We know such emmigrations since 4000 B.C. whe the known chapter of the human opens. The Bhartiya cultural ambassodors went to sumer egypt greece & America. ये भारतीय कौन थे ? ये हिन्दू
और बौद्ध नहीं थे वरन् अर्हत या जिन थे । क्योंकि आर्य पूर्व जो संस्कृति यहाँ आदि काल से थी वो अर्हत् परम्परा की थी । बौद्ध धर्म भी ५०० ई.पू. अस्तित्व में आया था । तब तक ब्रह्म आर्यों का कोई भी साम्राज्य यहाँ स्थापित नहीं हो पाया था । जैन संस्कृति का विस्तृत क्षेत्र
मलाया देश का नाम भारत के मलय गिरि क्षेत्र से पड़ा । नीलगिरी से कन्या कुमारी तक के क्षेत्र मलयगिरि कहलाता था । इन श्रमण श्रेष्ठियों