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सिग्धमवहर स्तोत्र ॥ . अन्योंसे धारण करवाते हैं और " स्यादस्तिस्यान्नास्ति" इत्यादि पदोंका रहस्य दिखलाते हैं ऐसे साधर्मिकोंको भी मैं नमस्कार करता हूं ॥ १४ ॥ इति श्रीइन्दुरजैनश्वेताम्बरपाठशालामुख्याध्यापकचोबेकुलोद्भव श्रीगोपीनाथसूनु पण्डित श्रीकृष्णशर्मकृतसुबोधिनीटीकोपेतं
सिग्घमवहरस्तोत्रंसम्पूर्णम् ॥
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