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७६ मुनिराजश्री भावविजयजी महाराजनुं जीवन चरित्र.
पूना-लश्करमां चतुर्मास. मुनिराज श्री भावविजयजी महाराज लोनावलाथी पोताना शिष्य-समुदाय साथे विचरता-विचरता पूना-लश्कर पधार्या, अने सदर बजारमा आवेला जैन उपाश्रयमां उतर्या, अने श्रीसंघनी विनतिथी अत्रे चतुर्मास रह्या छे. अहीं हमेशां व्याख्यान वंचाय छे. व्याख्यानमां श्री भगवतीसूत्र अने भावनाधिकारे श्री शत्रुजय माहात्म्य वंचाय छे. भाविक श्रावक-भाईओ अने श्राविका-व्हेनो व्याख्याननो लाभ सारा प्रमाणमां लई रह्या छे.
पूना-लश्कर संवत् १९९१, असाड शुदि १५ ।
मंगळवार.
निवेदकगुरु-चरणोपासक, मुनि केसरविजय.