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________________ ४६ मुनिराज श्री भावविजयजी महाराजनुं जीवन चरित्र. वीरवाडावालोंकी तरफसें नवकारसी होगी. तथा सत्तरभेदी पूजा पढाई जायगी, और वरघोडा निकलेगा. ६ फागण शुदि १ शनिवारको शा. रायचंद जैकरणजी, रायचंद अनोपचंद, फुलचंद लालचंद, केसरिमल थानमल, पुखराज हस्तीमल, दलीचंद जैकरणजी भगवानजी का परिवार संघी मारवाडमें गाम सादरीवालोंकी तरफसे वीश स्थानककी पूजा पढाई जायगी; नवकारसी होगी, और वरघोडा निकलेगा. ७ फागण शुदि २ रविवार को जल यात्रा का वरघोडा निकलेगा। और उस दिन शा धुराजी उमाजी, धुराजी कपूरचंद, हीराचंद मकनलाल, मेघराज चमनलाल, रूपचंद फुलचंद, शेषमल सोनमल, शेषमल जसराज, उमाजी कनीया राठोड सतावत, मारवाडमें गाम तखतगढवालोंकी तरफसे नवकारसी होगी; तथा एकवीस प्रकार की पूजा पढाइ जायगी, और वरघोडा निकलेगा. ८ फागण शुदि ३ सोमवार सुबह ( प्रातःकाले ) ७॥ से ८। तक शुभयोगे श्री जिनबिंब स्थापना, ध्वजा बंध, और कलशारोपण होगा । तथा उस दिन शा पुनमचंद अमीचंद, फूलचंद मोतीलाल, चंपालाल हस्तिमल सोलंकी, मारवाडमें गाम सेवाडीवाले, तथा भागीदार शा. डुंगरचंद सूरजमल, केसरिमल आसुलाल, मीठालाल ललवाणी, मारवाडमें गाम कोसीलाववाले; तथा कालुराम गेनमलजी, मारवाडमें गाम
SR No.002455
Book TitleSubhashit Shloak Tatha Stotradi Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhavvijay
PublisherBhupatrai Jadavji Shah
Publication Year1935
Total Pages400
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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