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मुनिराज श्री भावविजयजी महाराजनुं जीवन चरित्र.
( तृतीया ) सोमवार शुभयोगे ता. २७-२-३३ को शास्त्रविशारद जैनाचार्य श्री श्री श्री १००८ श्री पूज्यपाद प्रातःस्मरणीय आचार्यवर्य श्री विजयधर्म सूरीश्वरजीके पट्टधरइतिहासतत्त्व महोदधि आचार्य श्री श्री श्री विजयेन्द्रसूरीश्वरजी महाराजके शिष्यरत्न-शान्त, दान्त, पंडित शिरोमणि, शान्तमूर्ति मुनिमहाराज श्री भावविजयजीके मदुपदेशसे श्री संघने निश्चय किया है. कार्यक्रम नीचे मुजब
१ फागण वदि-११ सोम ( गुजराती महा वदी ११) को कुंभ स्थापना, दीप स्थापना, चैत्य पूजन, जवारा वाववा, तथा जलयात्राका वरघोडा वगैरह क्रियाएँ होगी। उस दिन शाह उमेदमल जुहारमल, फोजमल, सेनमल, हीराचंद उमेदमल, जुहारमल कालुराम, चुनीलाल गंगाराम, जीवराज वीरचंदजी सोलंकी, मारवाडमें गाम सेवाडीवालोंकी तरफसें नवकारसी होगी, तथा पंच कल्याणककी पूजा पढाई जायगी.
२ फागण वदि १२ मंगल, (गु. महा वदि १२) मंडप पूजा, तथा शा. वरधीचंद थानमल, रूपचंद वरधीचंद, चंदणभाण सेसमल, साहेबचंद गणेशमल, प्रेमराज मेघराज, चंपालाल मीश्रीमल, सुखराज मांगीलाल, घेवरचंद मोहनलाल, मीठालाल गांधी, मारवाडमें केसरिसिंहजीका गुडावाला; तथा शा जीवराज जसराज, भूरमल थानमल, चोथमल मीठालाल, जांवतराज मांगीलाल, रामचंद नानालाल मेता,