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कस्ते दक्षमः सुरगुरु प्रतिमोsपि बुझा ।
सौ सौ सौ सौ सौं सौं सौं जिएगाए। न ही श्री क्ली जलयात्रा
सोलोंग्स ग्लो लो ग्लो
एगमो सोहि
॥ यंत्र ४ ॥
वक्तुं गुणान् गुणसमुद्रशंशाङ्क- कान्तान् सौं सौं सौं सों सों सों सौं
सो सोंग्स
- ही
ग्लों लोंग्सों स्वाहा।
सोंग्सोंग्स ग्लों जलदेवताभ्यो नमः
सोसों सों सीं सौं सों सौं कल्पातकालपवनाद्वतनकचक
सौं सौं सों सौं सौं सौं सौं को वा तरीतुमसमम्बुनिधिं भुजाभ्यां ४