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________________ नं.तीर्थकर नाम पितानाम मातानाम जन्मस्थान लच्छन | शरीर शरीरमान | आयुष्यमान् अयोध्या ५०० धनुष्य ८४ लक्षपूर्व वृषभ हस्ती " ४५० | श्रावरित प्रश्व ४०० अयोध्या | बन्दर कौंच कौसंबी पद्म १५० ऋषभदेव नाभिराजा मरुदेवा अजितनाथ जितशत्रु ,, विजया संभवनाथ जितारी ,, सेनाराणी प्रभिनंदन संबरराजा | सिद्धार्था सुमतिनाथ | मेघरथ सुमंगला पद्मप्रभ | श्रीधर मुसीमा सुपार्श्वनाथ | सुप्रतिष्ट ,, पृथ्वी चन्द्रप्रभ महासेन ,, लक्ष्मणा सुविधिनाथ | सुग्रीव ,,! रामा शितलमाथ दृढरथ , नंदा श्रेयांसनाथ | विष्णु विष्णा १२ | वासुपूज्य | वसुपूज्य ,, | जया । काशी स्वस्तिक सुवर्ण .. चद्र १५० " मकर १००, चन्द्रपुरी काकंदी भदिलपुर सिंहपुर चम्पा श्रीवत्स गेंडो ८० पाडो ७०
SR No.002448
Book TitleJain Jati mahoday
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherChandraprabh Jain Shwetambar Mandir
Publication Year1995
Total Pages1026
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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