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अनुक्रमणिका भाचार्य स्वयंप्रभसूरि का राजसभा में प्रवेश और शास्त्रार्थ .... १८
, , श्रीमालनगर के राजा-प्रजा को जैन बनाना २७ , , पद्मावतीनगरी और शास्त्रार्थ ..
., . राजा-प्रजा को जैन
धर्म की दीक्षा
रत्नचूड़ विद्याधर को दीक्षा ... प्राचार्य रत्नप्रभसूरि .... .... .... .... ४० उपकेशपुर ( श्रोशियों ) की स्थापना भीमसेन चन्द्रसेन का धर्मयुद्ध और चन्द्रावती की स्थापना.... श्रीमालनगर का नाम भीनमाल .... ..... .... भाचार्य रत्नप्रभसूरि ५०० मुनियों सहित उपकेशपुर पधारे... ५० चाँवुडादेवी की विनती और ३५ मुनियों का चातुर्मास .... राजा के जवाई त्रिलोकसिंह को सर्प का काट खाना और स्मशान में जाते हुए को बाल मुनि का रोकना.... श्री रत्नप्रभसूरि के पास आना और निर्विष होना। भाचार्य श्री रत्नप्रभसूरि का धर्मोपदेश ....
वाम मार्गियों का संक्षिप्त परिचय .... जैन धर्म को इष्ट पंच परमेष्टी का वर्णन देव गुरु धर्म और आगम का संक्षिप्त स्वरूप ...
श्रावक ( गृहस्थधर्म ) के बारह अत, व मुनिव्रत..... राजा-प्रजा को जैन धर्म की दीक्षा दे महाजन संघ' की स्थापना. . ...