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विषय
चन्दनमलजी नागोरी और जैन मन्दिर
सवा लक्ष ग्रन्थ का पठन पाठन ३३ -गंगापुर में त्रिवेणी का समागम
गंगापुर में कर्मचन्दजी गंगापुर में शोभालालजी
गंगापुर में मोडीरामजी ३४-तेरहपन्थी पूज्य का पराजय ३५-मार्ग में मेघराजजी का मिलाप ३६-गुरु शिष्य का अलग २ होना
जोधपुर में व्याख्यान मूर्ति पूजा विषयक प्रश्न पूज्यजी को नगरी तार देना शोभालालजी का आना और १२ कलमें गुरु शिष्य का अलग २ विहार
इति प्रथम खंड समाप्तम्
द्वितीय खण्ड ३७-तिवरी में लूणकरणजी लोढ़ा का मिलाप
जोधपुर से महामन्दिर दीपचन्दजी मिलापचन्दजी का मिलाप महामन्दिर से तिवरी लुनकरणजी का मिलाप कर्म प्रन्थ की गाथा का अर्थ
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