SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 220
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्र. F प्रश्नों के उत्तर दीजिए । 1. भव आलोचना करने से क्या होता है ? खंधक ऋषि कौन थे और उनकी मृत्यु कैसे हुई ? तीन प्रकार के चैत्यवंदन बताइए ? मोक्षा ने विधि को अहं कैसे तोड़ना उसके ऊपर क्या समाधान दिया? नंदीश्वर द्वीप के चैत्य और प्रतिमाओं की संख्या बताइए? महिने धर्ममय वातावरण में व्यतीत करने के लिए गर्भवती स्त्री को क्या करना चाहिए? प्र. G नीचे की पंक्तियां पुस्तक के किस पेज पर है और किस लाईन पर है वह बताईए । उदा. ये कितने सुंदर बालक है ? पेज नं. उ. चेप्टर पेज 1. और इनकी निश्रा में धर्मानुष्ठान करने से सार्थक होता है । उन्होंने चार शरण स्वीकार किए। इन पैसों से हमें परमात्मा का जिनालय बना लेना चाहिए। प्रभु को देखकर हर्षित बनकर सब कलशादि सामग्री इन्द्र के सामने रखते है । यह जिनशासन साधर्मिकों से चल रहा है और चलेगा। 2. 3. 4. 5. 6. 2. 3. 4. 5. 6. • खुद की किस्मत को गलत रास्ते पर ले जाने वाली वह खुद ही थी। जिससे सब खुश होकर जाते थे। सर्व प्रथम मन में पापों के प्रति घृणा उत्पन्न करके किए हुए पापों को याद करें। लकड़े पर वार्निश, रंग पॉलीश करने से निगोद की उत्पत्ति नहीं होती । अनुसार प्रश्न ढूंढ कर जवाब लिखें उदा. पाँच दंडक में से एक............ नमुत्थुणं 2. 1. ज्ञान का एक प्रकार एक पेपर के... 12 Marks 7. 8. 9. 10. दूसरे दिन तो घर में रामायण मच गई। 11. सिद्ध के जीव सिद्धशीला से 3 गाउ 1667 धनुष्य की दूरी पर है। 12. उसको सुधारने की कोई आवश्यकता नहीं है? प्र. H बारहखड़ी से शुरु होनेवाले जवाबों के प्रश्नों का क्रम खो गया है। प्रथम अक्षर के 12 Marks ...में दो दिलों की दरार बढ़ गई। 184 12 Marks लाईन नं. 12
SR No.002439
Book TitleJainism Course Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManiprabhashreeji
PublisherAdinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi
Publication Year2012
Total Pages230
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy