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| शुरुआत के महिनों में जीव कहाँ होता है ? मोक्षा : गर्भ में जीव नहीं होता ये भला तुम्हें किसने बताया ? अरे ! जीव के गर्भ में आने से ही तो गर्भ ठहरता है। गर्भधारण के प्रथम दिन से ही उसमें विकास शुरु हो जाता है। प्रथम एवं दूसरे सप्ताह में माता के द्वारा ग्रहण किये गए भोजन से उस जीव का पालन पोषण होता है। तीसरे सप्ताह में जीव आँख, रीढ़, मस्तक, फेंफड़े, पेट, जिगर एवं गुदा का आकार धारण करता है। चौथे सप्ताह में मस्तक का आकार | पूरा होता है। रीढ़ की हड्डियाँ आकार धारण कर लेती है । सुषुम्ना बन जाती है। हाथ-पाँव आकार लेने लगते हैं और जानती हो पाँचवें सप्ताह में छाती व पेट आकार धारण कर एक दूसरे से अलग हो जाते हैं। सिर पर
पहला सप्ताह
तीसरा सप्ताह
BASY CAN CLJCH THINGS WTH HIS
HANDS
पाँचवा सप्ताह
हो जाती है जो 80 वर्ष की आयु तक वैसी ही रहती है।
आठवा सप्ताह
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ग्यारहवें और बारहवें सप्ताह में स्नायु व मांस पेशियाँ की रचना पूरी हो जाती है। हाथ-पाँव हिलने-डुलने लगते हैं। अंगुलियों के नाखून निकलने शुरु हो जाते हैं। बालक का वजन लगभग एक औंस जितना हो जाता है। तीन माह की अवधि में
आँख, आँख पर लेन्स और दृष्टि पटल तैयार हो जाता है। कान, हाथ-पाँव की अंगुलियाँ तैयार होने लगती हैं। छट्ठे व सातवें सप्ताह में बालक के सभी अंग आकार लेने लगते है। पूरा सिर, मुँह व जीभ तैयार हो जाती है। आठवें सप्ताह में बालक के हाथ-पाँव की सभी अंगुलियाँ पूरी तरह विकसित हो जाती है। इस सप्ताह में अंगूठे की छाप तैयार
बालक का संपूर्ण गठन हो जाता है। फिर क्रमशः
विकास होने की ही देरी रहती है। इस प्रकार सोचो विधि एक सप्ताह का
K K
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दूसरा सप्ताह
चौथा सप्ताह
छठा सातवां सप्ताह.
ME FOR TCBET
CCRG BOOK
ग्यारहवां-बारहवां सप्ताह
ALL SYSTEMS ARE GO!
THE CHILD CAR
FEEL MIN