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समीर का फैसला सुनकर डॉली ने अपने मन के साथ एक समझौता कर दिया। उसने सोचा कि वैसे भी उसके घर के दरवाज़े उसके लिए बंद हो गए हैं, इसलिए वह रोए या हँसे उसे रहना तो समीर के साथ ही है, तो क्यों न समीर की बात को ही मानकर उसके साथ हँसीखुशी रहा जाए। वैसे भी डॉली को अपना कॅरियर बनाने का शौक तो पहले से ही था। अब समीर की सहमति होने पर उसे अपने कॅरियर को सफल बनाने का एक मौका मिला। वह भी दुनिया के सामने आना चाहती थी। उसने हँसते-हँसते समीर के फैसले को एक्सेप्ट कर दिया। साथ ही घर के वातावरण से वह तंग आ गई थी। उसे शांति चाहिए थी। वह घूमना फिरना चाहती थी। इसलिए उसने सोचा कि नौकरी करने से ही उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो सकेगी
और नौकरी की सेलेरी समीर के हाथों में देने से हो सकता है कि उसके और समीर के संबंध फिर से सुधर जाए। बस उसी आशा में डॉली ने अपना कदम घर से बाहर रखा, पर उसे यह नहीं पता था कि उसका उठाया हुआ यह कदम उसे कहाँ ले जाएगा? अब डॉली नौकरी की तलाश में घूमने लगी। लेकिन उसे कहीं नौकरी सेट नहीं हुई। आखिर एक दिन फेशन डिज़ाईन की वर्ल्ड फेमस कम्पनी में वह इन्टरव्यु दे रही थी। तब....) मि. जॉन (कम्पनी के मालिक) : डॉली वैसे तो कम्पनी की छोटी बडी पोस्ट के लिए मेनेजर ही इन्टरव्यु लेते हैं पर फिलहाल इन्टरव्यु चल रहा है मेरी पी.ए. के लिए। मैं सोचता हूँ कि आप इसके लिए बराबर हो। जो कि आप मेरी पी.ए. यानि पर्सनल असिस्टेन्ट बनने वाली हो तो मुझे थोड़ी जानकारी आपकी निजी जिंदगी के बारे में भी होनी चाहिए। क्या आप शादी शुदा हो। डॉली : हाँ। मि. जॉन : आपके पति का नाम क्या है? और वो क्या बिझनेस करते हैं ? डॉली : सर समीर खान.... मि. जॉन : (थोड़ा चौंककर) क्या? समीर खान और डॉली? डॉली : हाँ सर, हमने लव मेरेज किया है। फिलहाल समीर भी नौकरी की तलाश में है। मि. जॉन : ठीक है डॉली। आप मेरे पर्सनल असिस्टेन्ट के लिए चुनी गई हो। डॉली : सर मेरी सेलेरी? मि. जॉन : डॉली ! आप अपनी सेलेरी की बिलकुल चिंता मत करो। वैसे तो मेरे मेनेजर की सेलेरी भी हर महिने की मात्र 8000 रु. है लेकिन आप मेरी पर्सनल असिस्टेन्ट हो इसलिए तुम्हारी सेलेरी 10,000 रु. हर महिने की होगी ठीक है। डॉली : यस सर ! बैंक्यु सो मच।