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________________ + ८क जैनाचार - IV पाठशाला ज्ञान भव आलोचना. साधर्मिक भक्ति Art of Living - IV सासु बनी माँ. संस्कारों की नींव . सूत्र तथा अर्थ विभाग - IV वंदित्तु सूत्र . आयरिय उवज्झाय सूत्र : `श्रुत देवता की स्तुति अड्ढाईज्जेसु सूत्र . नमोऽस्तु वर्धमानाय. चउक्साय सूत्र देवसिअ प्रतिक्रमण विधि उपवास का पच्चक्खाण. काव्य विभाग प्रभु सन्मुख बोलने की स्तुति चैत्यवंदन स्तुति.. स्तवन सज्झाय जैन इतिहास - IV ज्ञान की आशातना से बचिए. वरदत्त और गुणमंजरी की कथा. माषतुष मुनि अशोक राजा अनुक्रमणिका साधर्मिक भक्ति के दृष्टांत महाराजा कुमारपाल की साधर्मिक भक्ति वदवाण श्रावक 1 6 10 15 343 23 44 55 67 67 68 68 70 71 72 73 73/78 74/79 75/81 77/82 83 83 85 86 87 87 88
SR No.002439
Book TitleJainism Course Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManiprabhashreeji
PublisherAdinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi
Publication Year2012
Total Pages230
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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