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________________ ऐरावत क्षेत्र में बहती हैं। इस ग्रह की देवी का नाम 'लक्ष्मी देवी' हैं। 13 ऐरावत क्षेत्र : शिखरी पर्वत के पास और जम्बूद्वीप के उत्तर भाग में सर्वप्रथम ऐरावत क्षेत्र हैं। यह क्षेत्र शिखरी पर्वत से आधा यानि कि इसका माप 526 योजन 6 कला हैं। यह क्षेत्र भरत क्षेत्र के समान हैं। इस क्षेत्र में रक्ता - रक्तवती ये दो नदियाँ बहती हैं। प्रत्येक नदी 14,000 नदियों के परिवार से युक्त हैं। इस प्रकार इस क्षेत्र में कुल 28,000 नदियाँ बहती है। यह कर्मभूमि है। यहाँ छ: आरे होते हैं। इन क्षेत्र एवं पर्वतों को हम निम्न चार्ट द्वारा आसानी से समझ सकते है। मुख्य पदार्थ क्षेत्र या पर्वत का नाम माप योजन-कला 526.6 भरत क्षेत्र हिमवंत पर्वत 1052.12 हिमवंत क्षेत्र. 2105.5 महाहिमवंत प, 4210.1 .8421.1 हरिवर्ष क्षेत्र निषध पर्वत 16842.2 महाविदेह क्षेत्र 33684.4 नीलवंत पर्वत 16842.2 क्षेत्र 8421.1 रम्यक् रुक्मि पर्वत 4210.1 | हैरण्यवंत क्षेत्र 2105.5 | शिखरी पर्वत 1052.12 | ऐरावत क्षेत्र कुल खण्ड बहने वाली नदी अथवा द्रह के नाम 1 गंगा-सिंधु 2 पद्मद्रह 4 रोहिता - रोहितांशा 8 महापद्म द्रह 16 हरिसलिला - हरिकांता 32 तिगिच्छिद्रह 64 सीता - सीतोदा 32 केशरी द्रह 16 नरकांता - नारीकांता 8 महापुंडरीक ह 4 सुवर्णकुला - रुप्यकुला 2 पुण्डरीक द्रह 1 रक्ता - रक्तवती 526.6 1,00,000यो 190 द्रह की देवी श्रीदेवी (143) रक्तवती नदी नदियों का परिवार तथा पर्वत का वर्ण एवं ऊँचाई 14,000 x 2 = सोने का / 100 योजन ऊँचा 28,000 x 2 = ह्रीदेवी सोने का / 200 योजन ऊँचा रक्ता नदी 56,000 x 2 = धृति देवी लाल सोने का / 400 योजन ऊँचा 28,000 x 2 = लक्ष्मी देवी सोने का / 100 योजन ऊँचा 14,000 x 2 = - 5,32,000 x 2 = कीर्ति देवी वैडुर्यरत्न (हरा) / 400 योजन ऊँचा 56,000 x 2 = बुद्धि देवी रुपा का / 200 योजन ऊँचा ऐरावत क्षेत्र कुल 28,000 56,000 1,12,000 10,64,000 1,12,000 56,000 28,000 14,56,000
SR No.002438
Book TitleJainism Course Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManiprabhashreeji
PublisherAdinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi
Publication Year2012
Total Pages200
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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