________________
कम से कम मीनी श्रावक तो बनें। (1) रोज त्रिकाल जिन-दर्शन पूजा। (2) नवकारसी, चउविहार का पच्चक्खाण (3) 1 पक्की नवकारवाली। (4) एक सामायिक की आराधना (5) उभय काल प्रतिक्रमण। (6) गुरुवंदन, प्रवचन श्रवण। (7) चौदह नियम धारण करना। (8) पर्वतिथियों में एकासणा-आयंबिल। (9) रोज 12 द्रव्यों से अधिक न खाना। (10) सचित चीजों व कच्चे पानी का त्याग। (11) तंबाकू, पान-पराग, बीड़ी, सिगरेट, शराब आदि का त्याग। (12) सात व्यसन का त्याग । (13) कंदमूल व अभक्ष्य चीजों का त्याग । (14) बाहर के पदार्थों का त्याग (15) चतुर्दशी को पौषध की आराधना। (16) उपधान तप वहन करना। (17) शक्ति अनुसार सात क्षेत्रों में तथा अनुकंपा में धन खर्च करना। (18) प्रति वर्ष तीर्थ यात्रा करना। (19) दो शाश्वती ओली की आराधना। (20) साधर्मिक की भक्ति। (21) संयम प्राप्ति के लिए प्रिय चीज का त्याग । (22) प्रति वर्ष आलोचना लेना। (23) माता-पिता की सेवा करना। (24) धर्म स्थानों की व्यवस्था संभालना।
114