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________________ दायें हाथ से तीन बार दायाँ पाशा खंखेरना बायें हाथ पर ऊपर लेते हुए (हाथ को मुँहपत्ति स्पर्श न करें।) बायें हाथ पर ऊपर से नीचे लेते हुए हाथ को स्पर्श करते हुए बायें हाथ पर ऊपर लेते हुए (हाथ को मुँहपत्ति स्पर्श न करें।) 5. काम राग 6. स्नेह राग 7. दृष्टि राग परिहरु 8. सुदेव 9. सुगुरु 10. सुधर्म आदरूँ 11. कुदेव 12. कुगुरु 13. कुधर्म परिहरूँ 14. ज्ञान 15. दर्शन 16. चारित्र आदरँ 17. ज्ञान विराधना 18. दर्शन विराधना 19. चारित्र विराधना परिहरूँ 20. मन गुप्ति 21. वचन गुप्ति 22. काय गुप्ति आदरूँ 23. मन दण्ड 24. वचन दण्ड 25. काय दण्ड परिहरु 26. हास्य 27. रति 28. अरति परिहरु 29. भय 30. शोक 31. जुगुप्सा परिहरु बायें हाथ पर ऊपर से नीचे हाथ को स्पर्श करते हुए बायें हाथ पर ऊपर लेते हुए (हाथ को मुँहपत्ति नहीं अडावे) . बायें हाथ पर ऊपर से नीचे हाथ को स्पर्श करते हुए बायें हाथ उलटकर ऊपर से नीचे उतारते हुए वधुटक बायें हाथ में लेकर दायें हाथ को उल्टाकर ऊपर से नीचे उतारते हुए
SR No.002438
Book TitleJainism Course Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManiprabhashreeji
PublisherAdinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi
Publication Year2012
Total Pages200
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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