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________________ बाते छोटी मगर बड़े काम की ... अतीसार (दस्त) 1.दस ग्राम (दो चम्मच) ईसबगोल की भुसी छ: घंटे पानी में भिगोकर अथवा गरम दूध में भिगोकर जब फूलकर गाढ़ी हो जाये तब उसमें मिश्री मिलाकर भोजन के पश्चात लेने से दस्त साफ आता है। इसे केवल पानी के साथ वैसे ही , बिना भिगोये भी लिया जा सकता है। 2. एरण्ड का तेल अवस्थानुसार एक से पांच चम्मच की मात्रा से एक कप गरम पानी या दूध में मिलाकर भोजन के पश्चात पीने से कब्ज दूर होकर दस्त साफ आता है। 3. दो संतरों का रस खाली पेट प्रात: आठ से दस दिन पीने से पुराना से पुराना अथवा बिगड़ा हुआ कैसा भी कब्ज हो ठीक हो जाता है। संतरों के रस में नमक, मसाला या बर्फ न लें। रस लेने के बाद एक-दो घण्टे तक कुछ न ले। 4. ईसबगोल की भूसी 10 ग्राम (दो चम्मच) 125 ग्राम दही में घोलकर सुबह शाम खिलाने से दस्त बंद होते है। 5. खाने के बाद 200 ग्राम छाछ में सेका हुआ जीरा 1 ग्राम और काला नमक आधा ग्राम मिलाकर पिने से दस्त बंद होते है। 6. आम की गुटली की गिरी को पानी अथवा दही के पानी में खूब पीसकर नाभि पर गाढ़ागाढ़ा लेप करने से सब प्रकार के दस्त बंद हो जाते है। 7. सूखा आंवला दस ग्राम और काली हरड़ पांच ग्राम दोनों को लेकर खूब बारीक पीस लें। फिर एक-एक . ग्राम की मात्रा से प्रात: सायं पानी के साथ फांकने से दस्त बंद होते है। पेशाब बार-बार और अधिक आता हो 1. दो पके केलों का सेवन दोपहर के भोजन के बाद करने से या अंगूर खाने से भी इस बीमारी से छुटकारा मिलता है। 2. बार-बार पेशाब आने पर 60 ग्राम सेके (भुने) चने खाकर ऊपर थोड़ा। • पेशाब कम आता हो सा गुड़ खाये या सुबह शाम गुड़, 11. दो छोटी इलायची को पीसकर फांककर दूध से बना तिल का एक-एक पीने से पेशाब खुलकर आता है और मूत्रदाह लड्डु खाने से बार-बार भी बंद हो जाती है। . . पेशाब आना बंद रुका हुआ पेशाब होता है। 1. दो ग्राम जीरा और दो ग्राम मिश्री दोनों को पीसकर फांकी लेने से रुका हुआ पेशाब खुल जाता है। इसे दिन में तीन बार लें। 2. ऐरण्ड का तेल पच्चीस से पचास ग्राम तक गरम पानी में मिलाकर पीने से पंद्रह-बीस मिनिट में ही पेशाब खुल जाता है।
SR No.002438
Book TitleJainism Course Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManiprabhashreeji
PublisherAdinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi
Publication Year2012
Total Pages200
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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