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________________ निश्चित होकर आप जैसे संर्ता की एवं शासन की सेवा में जुड़ जाऊँगा। पाप कर-करके पैसे तो खूब कमा लिये है। अब उन्हें धोने के लिए ही मानो आपका सहयोग मिला हो ऐसा मैं मानता हूँ। जयणा- साहेबजी ! होटल में ऐसा सब होता है यह तो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। साहेबजी- जयणा! यदि जब एक होटल का मेनेज़र स्वयं भी इतना कोमल बन जाये तो क्या आप होटल नहीं छोड़ सकते ? यदि छोड़ सकते है तो परमात्मा की शरण एवं साक्षी लेकर आज से ही होटल जाना बंद कर अपनी आत्मा के लिए नरक के दरवाज़े सदा के लिए बंद कर दो। जयणा! यह तो हुई स्थूल बातें ; परंतु आज की स्थिति तो ऐसी है कि अज्ञानता के कारण हम शाकाहारी होते हुए भी शाकाहार के नाम पर मांसाहार कर रहे है। अनायास ही नरकादि नीच गति की ओर कदम भरने की कोशिश कर रहे हैं। जयणा - मैं होटल का आज से ही त्याग करती हूँ। मुझे आप यह बताईए कि हम शाकाहार के नाम पर मांसाहार कैसे कर रहे हैं? साहेबजी - जयणा! हमारे दैनिक जीवन में हम ऐसी कई वस्तुओं का उपयोग करते है। जो नाम से शाकाहार है। परंतु बनाने में नॉनवेज का उपयोग किया जाता है। जिससे indirectly मांसाहार भक्षण का पाप लगता है जैसे1. जिलेटीन - प्राणियों के हड्डियों का पाउडर है। इसका उपयोग जेली, आईस्क्रीम, पीपरमेन्ट, केप्सुल, च्युइंगम आदि बनाने में किया जाता है। 2.जाजाब्स, एक्स्ट्रा ,स्ट्रोंग सफेद पीपरमेन्ट,जेली क्रिस्टल- इनमें जिलेटीन आता है। उ.सेन्डवीच स्प्रेड मेयोनीज- इसमें अंडे का रस विशेष होता है जो ब्रेड के ऊपर लगाया जाता है। 4. बटर-मक्खन में उसी रंग के असंख्य त्रस जीव-जंतु होते हैं। 5. चाइनायास- समुद्री काई-सेवाल (लील) के मिश्रण से बनाया जाता है। 6. क्राफ्ट चीज़ - 2-3 दिन के जन्में बछड़े के जठर को निचोड़कर रस निकाला जाता है। यह पीझा के ऊपर लगाने में काम आता है। 7.मेन्टोस- इसे बनाने में बीफटेलो, बोन (हड्डी का पाउडर और जिलेटीन) का उपयोग किया जाता है। 8. पोलो - इसमें जिलेटीन और (बीफ ओरिजीन) गाय-बैल के मांस का मिश्रण किया जाता है। इसमें मांसाणु के कारण इन्हें खाने वालों के स्वभाव में तीखापन, बात-बात में चिड़चिड़ापन आदि होता है। १.नूडल्स सेव पेकेट - इसमें चिकन फ्लेवर (मुर्गी का और अंडे का रस) होता है जो नास्ते में खाते हैं। (0350
SR No.002437
Book TitleJainism Course Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManiprabhashreeji
PublisherAdinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi
Publication Year2012
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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