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2. एक ही आसन पर बैठकर, एक ही माला से, एक ही दिशा सन्मुख बैठकर जाप करना उचित है। 3. जाप की संख्या निश्चित रखना। जाप करने की समझ
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1. मोक्ष की प्राप्ति के लिए अंगूठे से मणके उतारने चाहिए। 2. शत्रु दमन के लिए तर्जनी अंगुली से मणके उतारने चाहिए। 3. धन और सुख की प्राप्ति के लिए मध्यमा अंगुली से मणके उतारने चाहिए। 4. शांति के लिए अनामिका अंगुली से मणके उतारने चाहिए। 5. आकर्षण कार्य के लिए टचली (कनिष्ठा) अंगुली से मणके उतारने चाहिए।
* सुतर एवं चंदन की माला पर किया गया जाप सदा सुखकारी होता है । * चांदी, परवाला, सोना, मोती की माला का जाप अनुक्रम से शांति, सौभाग्य, आरोग्य और पुष्टि
को देने वाला होता है। * रत्न, स्फटिक, नीलम, तेजस्वी मणि की माला से जाप करने पर हजारों उपवास का फल मिलता हैं। सूचना: प्लास्टीक एवं लकड़े की माला से माला नहीं गिननी चाहिए।
कितने किसलिए नवकार गिनने चाहिए? ल.:
आठ कर्मों का क्षय करने के लिए। खाने के पूर्व एक अमृत भोजन के लिए। बाहर जाते समय तीन स्वस्थता, समाधि, सफलता के लिए। मंदिर में बारह अरिहंत प्रभु के गुण को याद करने के लिए। छींक आये तब नमो अरिहंताणं अमंगल दूर करने के लिए। सोते समय सात सात प्रकार के भय को जीतने के लिए।
प्रतिदिन एक सौ आठ दुर्गति को दूर करने के लिए। इस मंत्र के प्रभाव से कितने चमत्कार हो गये है।देखिए1. पार्श्वकुमार ने जलते हुए नाग को सेवक के मुख से मात्र नवकार मंत्र सुनाया और वे धरणेन्द्र बन गये।
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