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जयवीयराय
जगगुरु
सुखमय भी संसार असार
भवनिर्वेद
उन्माण
मार्गानुसारिता
लोकविरुदत्याग
कलह
मश्करी धर्मा की हांसी
निन्दा
ईर्ष्या
SIVUT
दान
बहुजनविरुद्ध का संग देशाचारोल्लंघन उद्भट भोग परसंकटतोष आदि लोकविरुद्ध कार्यों का त्याग
अनीति
गुरुजनपूजा
आज्ञा स्वीकार
पितृसेवा
रामचन्द्रजा
शुभेच्छा
इष्टफलसिद्धि
परार्थकरण
पिका
सोमसमाधि
दाता
हितोपदेश
आजीविका समाधि
देिवदर्शन