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________________ भली-भाँति परिचित ही हो कि चाहे कितनी ही रुकावटें आ जाएँ अगरबत्ती का धुआँ ऊपर ही जाता है। कभी नीचे की ओर नहीं जाता। बस इसी तरह यदि स्त्रियों का जीवन भी ऊपर ही उठने के लिए बना हो तो उन्हें नीचे लाने से क्या फायदा ? तुम एक नज़र डालो अपने पुराने ज़माने की स्त्रियों पर, उन्होंने भी हमारी तरह जन्म लिया लेकिन चार दीवारी के अंदर अपने जीवन को समाप्त करके चली गई। तब भी उनका कोई नामों-निशान नहीं था और आज भी उनका कोई नामों-निशान नहीं है। मैं यह नहीं चाहती कि मेरा जीवन भी घर की चार दीवारों के अंदर पूरा हो जाए। मैं तो यह चाहती हूँ कि मेरे जीते जी ही नहीं लेकिन मेरे मरने के बाद भी लोग मुझे याद करें। मोक्षा- डॉली! शायद तुम अपने इतिहास से परिचित नहीं हो। भूतकाल में हो चुकी सीता, मयणा-सुंदरी, चंदनबाला, झाँसी की रानी आदि के गुणगान 21 वीं सदी आज भी गा रही है। तुम्हें क्या लगता है कि वे मिस वर्ल्ड या मिस युनिवर्स थी। इसलिए उन्हें आज याद करते है या उन्होंने भी अपना नाम करने के लिए तुम्हारी तरह अपने रूप का प्रदर्शन किया था। डॉली! पाँच साल पहले मिस वर्ल्ड या मिस युनिवर्स कौन थी ये शायद ही तुम्हें याद होगा। लेकिन कई सदियों के पहले हो चुकी इन सतियों को आज भी लोग याद करते है तो क्या उनके रूप के कारण ? नहीं! उनके रूप के कारण नहीं बल्कि उनके चरित्र के कारण, उनके शील के कारण, उनके सत्त्व के कारण वे इतनी प्रसिद्ध हुई है। राम द्वारा कराई गई अग्नि परीक्षा में अपने शील का परिचय देने वाली सीता स्त्री ही थी। अभिमान के कारण कर्म के सिद्धान्त को ठुकराने वाले अपने पिता प्रजापाल राजा को सद्बोध कराने वाली पुत्री मयणा स्त्री ही थी। मुगल साम्राज्य के अन्याय के विरुद्ध में वीर योद्धा की तरह लड़ने वाली झाँसी की रानी स्त्री ही थी। अन्याय का प्रतिकार करने के लिए, अपने शील की रक्षा करने के लिए अपने प्राणों की परवाह भी नहीं करने वाली इन जैसी अनेक महासतियों के उज्जवल जीवन चरित्र इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों पर आज भी अंकित है। तुम्हारे द्वारा उठाए गए रूप प्रदर्शन के इस कदम से व तुम्हारी वेशभूषा से, तुम्हारा नाम इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों पर अंकित हो न हो लेकिन सारे अखबारों के फ्रन्ट पेज की हेड लाईन- 'बलात्कार की शिकार बनी डॉली' के रूप में जरुर अंकित हो जाएगा। डॉली - कम ऑन मोक्षा! ये तो वक्त ही बताएगा कि भविष्य में अखबार में मेरा नाम तुमने बताया उस हेड लाईन से आता है या "Miss Universe Dolly इस हेड लाईन से आता है। इन सतियों की बात सुनकर यदि में सीधे-सादे वस्त्रों में घूमने लग जाऊँ तो मेरे कॅरियर का क्या होगा? मेरे 'मिस युनिवर्स' के सपने का क्या
SR No.002437
Book TitleJainism Course Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManiprabhashreeji
PublisherAdinath Rajendra Jain Shwetambara Pedhi
Publication Year2012
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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