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क्षीरतरङ्गिण्यां
धातुः गणः सूत्रसं० धातुः गणः सूत्रसं० | धातुः गणः सूत्रसं०
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षिट
षिध षिधु
१ २०४ | ष्टिपृ
ष्टिम ष्टीम
ष्टुञ्
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ष्ठिवु
१ २५५ | वर्त १० ७४ ४ १५ | विदा १ ४६३ ४ १५ / विदा ४ ७६ १ १०८ . स.
३६ | संग्राम १० ३०८ १ २७८ | सघ ५ २५
४४० | सच १ २८५ .६ ५७ | सट्ट . १० ८३
५७ | सत्त्र १० २८८
२५५ | समाज १० २७३ १ ६४६ | सर्ज १ १३८
१ ५३४ | सर्ब १ २८९ .१ ५७२ | सल १३६५ १ ६६० | साध ५ .१६ ३७३ | सान्त्व १० २६
४ | साम १० २६ ४५ | सांम १० २६५ ६१ | साम्ब १० २०
३० | सार १० २५६ ४ ४ | सुख १० ३१५ ४ ९० | सुट्ट १० २४ १ ६५५ | सुन्भु १ ५०३ १ ३७३ सुर ६ ५० १ ७५ | सूच १० २५६ १ १८ | सूत्र १० २६० १० २०० | सूर्य १,३३६ १ ७०२ / सूर्य . १ ४४४ २ ६४ । सूर्ष १ ४४४
ष्ण
ष्णिह
षेक षेव षो ष्टक ष्टन ष्टभि ष्टम ष्टिघ
१ ४५२ | ष्णुस १ ६७ | ष्णुह १ ३३५ | ष्ण ४ ३७ | ष्थिवु १ ५३० | ष्वक्क १ ५६५ । ष्वद १ २७२ | प्वद १ ५६६ | ष्वन्ज ५ २२ / ष्वप
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