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इन सभी का विस्तृत समाधान विभिन्न आयामों में
क्या है शास्त्रकारों की दृष्टि में दान ? क्या है दान देने के लिए पात्र का स्वरूप ? ऐसी कई जिज्ञासाएं जिज्ञासुमुमुक्षु को होना सम्भव है ।
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विद्याव्यासंगी प्रीतमबेन एस. सिंघवी की ओर से प्रस्तुत पुस्तक में प्रस्तुत हो रहा है !
समयाभावसें पुस्तक तो मैं पूरा देख नहीं पाया हूँ मगर आशा अवश्य है कि
कच्छ
जिज्ञासु इस पुस्तक से अपनी जिज्ञासा को अवश्य
उपशान्त कर सकेंगे ।
प्रान्ते,
दान की यह प्रस्तुति जो कि दानकी स्तुतिरूप ही है वह, सभी भव्यजीवों के भीतर
फाल्गुन शुक्ला पंचमी
२७-२-२०१२
सोमवार
सामखीयाली
करुणा की खुश्बु को प्रसारित करें यही शुभकामना के साथ
लि. आचार्य विजयभुवनभानुसूरीश्वर प्रशिष्य पंन्यास यशोविजय