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बिहार विभाग 參參參參參參參參參參參參參參參參參參參參參參參參參警警
श्री संभवनाथजी टोंक- पादुका
श्री अभिनंदन स्वामी टोंक- पादुका
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(१३) तेरहवीं टोंक श्री आदिनाथ प्रभुजी की है। भगवान अष्टापद से मोक्ष पधारे हैं। परंतु इस महान तीर्थ पर आकर सभी दर्शन कर सके इसलिए चरण पादुका यहाँ विराजमान की है।
(१४) चौदहवीं टोंक चौदहवें श्री अनंतनाथ प्रभुजी की है। चैत्र सुद पंचमी को ७०० मुनियों के साथ प्रभु यहां से मोक्ष पधारे हैं।
(१५) पंद्रहवीं टोंक दसवें श्री शीतलनाथ भगवान की है। प्रभुजी यहाँ से चैत्र वद दोज को १००० मुनियों के साथ मोक्ष गये हैं।
(१६) सोलहवीं टोंक तीसरे श्री संभवनाथ प्रभुजी की है। यहां से प्रभुजी चैत्र सुद पंचमी को १००० मुनिवरों के साथ सिद्धगति को प्राप्त हुए हैं।
(१७) सत्रहवीं टोंक बारहवें श्री वासुपूज्य स्वामी की है। प्रभुजी चंपापुरी में शिव सुख को प्राप्त हुए हैं। यहां यात्रियों के दर्शनार्थ चरण पादुका स्थापित की है।
(१८) अठारहवीं टोंक चौथे श्री अभिनंदन स्वामी की है। एक हजार मुनिवरों के साथ वैशाख सुद अष्टमी को । प्रभुजी ने शिव सुख का वरण किया है।
श्री शुभगणधरजी टोंक- पादुका
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