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निहार विभाग
(५) पांचवीं टोंक इक्कीसवें श्री नमिनाथ भगवान की है। यहां चैत्रवदी १० के दिन ५३६ मुनियों के साथ भगवान मोक्ष पधारे हैं।
(९) नवीं टोंक नवमें श्री सुविधिनाथ भगवान की है। यहां भगवान भादवा सुदी नवमीं को एक हजार मुनियों के साथ मोक्ष गये हैं।
(६) छठी टोंक अठारहवें अरनाथ भगवान की है। यहां मगसिर सुदी १० के दिन एक हजार मुनियों के साथ प्रभुजी मोक्ष पधारे हैं।
(१०) दशवीं टोंक छठे श्री पद्मप्रभ स्वामी की है। प्रभु ३६० मुनियों के साथ कार्तिक वदी ११ को मोक्ष पधारे हैं।
(७) सातवीं टोंक उन्नीसवें श्री मल्लिनाथ भगवान की है। फाल्गुन सुद बारस को ५०० मुनियों के साथ प्रभु मोक्ष गये हैं।
(११) ग्यारहवीं टोंक बीसवें श्री मुनिसुव्रत स्वामी की है। यहां भगवान एक हजार मुनियों के साथ वैशाख वदी नवमीं को मोक्ष पधारे हैं। अब आगे ऊंची और कठिन टोंक पर यहां से जाते हैं।
(८) आठवीं टोंक ग्यारहवें श्री श्रेयांसनाथ प्रभुजी की है। यहां भगवान अषाढ वद तीज को एक हजार मुनियों के साथ मोक्ष पधारे हैं।
(१२) बारहवीं टोंक आठवें श्री चंद्रप्रभ स्वामी की है। यहां से भगवान एक हजार मुनियों के साथ श्रावण वद की सप्तमी को मोक्ष गए हैं।
समूह दृश्य