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________________ बिहार विभाग (४९३ । ३. श्री चंपापुरी तीर्थ श्री चंपापुरी जैन मंदिरजी DMALUMALLLLL मूलनायक श्री वासुपूज्य स्वामी alMHI (३) श्री चंपापुरी तीर्थ (नाथनगर मोहल्ला) मूलनायक श्री वासुपूज्य स्वामी भागलपुर और चंपापुरी जुड़े हुए हैं। भागलपुर स्टेशन से पास में गंगा नदी के किनारे चंपा नाले के पास यह चंपापुरी तीर्थ है जिसको अभी चंपानगर कहते हैं। यह अंग देश की राजधानी थी। श्री वासुपूज्य स्वामी के पांचों कल्याणक यहीं हुए हैं। तीर्थंकर देवों के पांचों कल्याणक एक ही भूमि पर हुए ऐसा यह तीर्थ है। कल्याणकों की याद रुपी अलगअलग स्थानों पर प्रतिमाजी और चरण-पादुका विराजमान है। चंपापुरीनगरी के बंद दरवाजे खोलने वाली सती सुभद्रा यहीं हुई थी। अनेक तीर्थंकर व गणधर यहाँ पधारे हैं। श्रेणिक के मृत्यु के बाद उनके पुत्र कोणिक ने चंपापुरी को राजधानी बनाई थी। भागलपुर स्टेशन यहाँ से ६ कि.मी. होता है। बस और तांगा, रिक्शा की व्यवस्था है। भागलपुर स्टेशन से १ कि.मी. और २ कि.मी. गांव में २ जिन मंदिर है। पो. चंपानगर ८१२००४ (जि. भागलपुर) बिहार Mad FORE O
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
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