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________________ ७४६) श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग AR मूलनायक श्री मुनिसुव्रतस्वामी ४० वर्ष पहले धातु के प्रतिमाजी थे। पू. आ. श्री विजय 'अशोकरत्न सू. म. तथा पू. आ. श्री अभयरत्न सू. म. के उपदेश से १० वर्ष से आरस के प्राचीन प्रतिमाजी विराजमान किए हैं। आरस के एक प्रतिमाजी है। बेंगलोर से ७५ कि.मी. है। जैनों के १६ घर १०० की संख्या है। यहां पहले सोने की खानें थी अब नहीं है। स्टेशन बंगारपेट मद्रास, कोईम्बतुर त्रिवेन्द्रम् रेल्वे बैंगलोर लाईन में है। बैंगलोर से ७५ कि.मी. है। के वेजीटेबल मार्केट। पिन - ५६३१०१ नंदानंदन शीतलनाथ, ज्योति जेणे जगावी; अनंत गुणोमो ओह खजानो, सेवा करे सुरनाथ। ज्योति १ दृढ़रथ रायना सेठ पनोता, भहीलपुर नरनाथ। ज्योति २ श्रीवत्स लंछन शोभे छे जिनजी, तारो प्रभु भवपाथ ज्योति ३ सवि जन हित चिंता करनारा, तारो प्रभु तीर्थनाथ ज्योति ४ भव अटवी ने पर करावो, योगक्षेमकारी साथ। ज्योति ५ दर्शन अमृत तारुं शिवसुख आपे, आपो जिनेन्द्र तुम हाथ। ज्योति ६ ९. श्री टुन्कूर तीर्थ टुन्कूर जैन मंदिरजी मूलनायक श्री अजितनाथजी मूलनायक श्री अजितनाथजी पहले घर मंदिर था। अभी घुम्मट वाला है। जैनी वि. सं. २०११ मगशिर सुदी ६ के दिन पू. आ. श्री विजय लक्ष्मण सूरीश्वरजी म. के द्वारा प्रतिष्ठा हुई है। आरस के ११ प्रतिमाजी है। १ जसरासजी रुगनाथजी २ गिरिधरलाल वीशाजी तथा मोहनलाल फुलचंदजी के घर मंदिर है। पू. मु. श्री केवलविजयजी म. की प्रेरणा से आगम मंदिर शुरु हआ है। जैनों के १०० घर हैं। दिगंबर के १२० घर हैं। पास में सीमोगा, दोडुपेट एलंका गावों में भी मंदिर है। देवनहेली से ७० कि.मी. है। बेंगलोर पुना हाईवे है। बेंगलोर से मीरज रेल्वे है। जि. टुन्कूर महात्मा गांधी रोड, पिन - ५७२ १०१
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
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