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________________ ७१४) श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग ( १३. श्री नेलोर (नेलुर) तीर्थ नेलोर जैन मंदिवजी श्रीबालनाथजी मूलनायक श्री श्रेयांसनाथजी मूलनायक श्री श्रेयांसनाथजी यहां श्री सुमतिनाथजी का मंदिर वि. सं. २००८ में हुआ है। वि.सं. २०३८ माहसुदी ६ को श्री श्रेयांसनाथजी मंदिर की प्रतिष्ठा पू. आ. श्री विजयजयंतसेन सूरीश्वरजी म.की निश्रा में हुई है। शिखरबंधी मंदिर है। दिल्ली, मद्रास रेल्वे लाईन पर स्टेशन है। ठे. मंडपाल स्ट्रीट, मारवाडी गुडी जि. ता. नेलोर पिन - ५२४००१ नेलोर संघ द्वारा मद्रास के रास्ते काकटूर में चौबीसी जैन तीर्थ निर्माण हो रहा है। जो १० कि.मी. है। पू. आ. श्री विजयभुवन भानु सूरीश्वरजी म. के शिष्य पू. आ. श्री विजयभद्रगुप्तसूरीश्वरजी म. का मार्गदर्शन मिलता है। गुन्टूर से ३५ कि.मी. है। संचालक मंडल श्री भगवान महावीर जैन सोसायटी, १४, १६, मंडपाल स्ट्रीट, नेलोर। १४. श्री अनंतपुरम् तीर्थ मूलनायक श्री वासुपूज्यस्वामी वि.सं. २०२४ चैत्र वद २ को घर मंदिर हुआ है। पू. आ. श्री विजय विक्रमसूरीश्वरजी म. के शिष्य पू. आ. श्री विजयराजयशसूरीश्वरजी म. की निश्रा में हुई है। गुटकूल बेंग्लोर रेल्वे लाइन पर स्टेशन है। सुभाष . चोक , ता. जि. अनंतपुरम् पिन - ५१५ ००१
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
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