SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 217
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६८०) ___ श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग -२ । प्रतिष्ठा वि. सं. २०४० फाल्गुन सुदी ७ को पू. आ. श्री विजयरविचंद्र सूरीश्वरजी म. के द्वारा हुई है। मुंबई नं. ४०००९७ ____ दफ्तरी रोड़ पर देना बैंक श्री हीरसूरीश्वरजी म. के उपाश्रय में मूलनायक श्री श्रेयांसनाथजी आदि हैं तीन मंजिल का जिन मंदिर है भव्य प्रतिमाजी हैं। जो अमलनेर से सं. २०२९ में पू. पं. श्री जिनेन्द्रविजयजी म. के उपदेश से लाई गई थी प्रथम जगवल्लभ पार्श्वनाथजी तथा कुरार विलेज में रखी थी। देना बैंक में प्रतिष्ठा पू. आ. श्री विजय भुवन भानुसूरीश्वरजी म. के द्वारा हुई है। कुरार विलेज में नया मंदिर शिखरबंधी तैयार होने में है। देवचंद्रनगर, जितेन्द्र रोड़, पुष्पा पार्क, धनजीवाड़ी आदि ईस्ट और विजयाभवन, मामलतदार वाडी, भादरणनगर आदि वेस्ट के मिलकर मलाड के घर मंदिर के साथ ३७ मंदिर है। COOO ५. मूलनायक श्री अजितनाथजी - रत्नपुरी 0 0 .0.0. 0.0.0.C ORBALA देवचंदनगर जैन मंदिरजी- मलाड मूलनायक श्री शांतिनाथजी - देवचंद्रनगर 10.
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy