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महाराष्ट्र विभाग
१७. श्री आकोला तीर्थ
मूलनायक श्री आदिश्वरजी
मूलनायक श्री आदिश्वरजी
१२५ वर्ष पहले गोडी पार्श्वनाथजी धातु के प्रतिमाजी का पर मंदिरथा १९६९ में ६७४ वर्ष प्राचीन श्री आदिश्वरजी का पू. आ. श्री विजय वल्लभ सूरीश्वरजी म. द्वारा प्रतिष्ठा हुई। २०३८ में तीन मंजिल का शिखरबंधी मंदिर वही मूलनायक रखकर किया। पू. आ. श्री इन्द्रजिन सूरीश्वरजी म. द्वारा प्रतिष्ठा हुई आरसके २४ धातु के १७ प्रतिमाजी है। जैनों के ५०० घर २५०० की संख्या है। मुंबई हावड़ा रेल्वे जि. आकोला पिन - ४४४००१
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मूलनायक श्री आदिश्वरजी
सन् १९३७ माह वदी ७ को कच्छी श्रावक ने घर मंदिर बनवाया सन् १९८६ में शिखरबंधी मंदिर हुआ पति सुरेशचन्द्रजी की निश्रा में प्रतिष्ठा हुई। आरस के ४ प्रतिमाजी है और जैनों के ५०० घर है।
१८. श्री कारंजा तीर्थ
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आकोला जैन मंदिरजी
(६२३)
ता. कारंजा जि. अकोला मूर्तिजापुर यवतमाल, नेरोगेज रेल्वे स्टेशन है। पिन - ४४४१०५
करंज ऋषि के नाम पर से कारंजा नाम पड़ा है। दिगंबर छोटी काशी कहते हैं। रत्नमणी प्रतिमाएं है । ७०० वर्ष प्राचीन काष्ट मंदिर है।