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________________ ६०६) 100%201000000000 樂樂樂樂樂樂 દીકરીઓ ३२. मूलनायक श्री शीतलनाथजी श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग 梁樂樂 樂樂樂豪 ३१. श्री रायपुर तीर्थ खम्मा मारा वीर भगवान, माया ममताना त्यागी क्षत्रिय कुंडमां जनम्या जिणंदजी, माता त्रिशलाना बाल माया. राय सिद्धारथ कुलना जे दीपक, सवि जीवना रखवाल माया. सर्व हित काजे जेणे तीरथ स्थाप्युं, पर उपकारे उजमाल माया. जगना तारक प्रभु जगना आधारा, महामाहण गोपाल, माया. दर्शन अमृत जेनुं पान करता, जिनेन्द्र पद रसाल। माया. मूलनायक श्री ऋषभदेवजी श्री पांडुरना तीर्थ पांडुरना जैन मंदिरजी मूलनायक : श्री शीतलनाथजी यहां श्री हालारी वीशा ओसवाल तपागच्छ जैन संघ ने इस मंदिर का निर्माण पू. आ. श्री विजय जिनेन्द्र सूरीश्वरजी म. के मार्गदर्शन अनुसार किया है। अंजनशलाका प्रतिष्ठा सं. २०४६ मगसिर सुदी ६ को पू. पं. अभी आ. श्री नरदेव सागर सूरीश्वरजी म. के द्वारा हुई है। आरस के ३ प्रतिमाजी है । घर ३३ संख्या २०० है। दिल्ली मद्रास रेल्वे लाईन है । नागपुर से ५५ कि.मी. है। जि. छिंदवाडा पिन ४८०३३४ ※乘乘乘乘乘乘乘樂來樂來樂與乘來吧來吧來 ※來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來來
SR No.002431
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year2000
Total Pages328
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size75 MB
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