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मूलनायक श्री कुंथुनाथजी
आठे भवोनी प्रीत गया भुली,
२. गोगेलाव
अक वार बोलो प्रभु नेम, अबोलडा शाना लीधा छे, शाना लीधा छे प्रभु शाना लीधा छे.... अकवार १ समुद्र विजय कुल दीपक प्रभुजी,
शिवादेवी केरा नंद अबोला.... २
जान जोडीने प्रभु जुगते आच्या,
नवमे संभाळोने नेम अबोलडा....३
मूलनायक श्री कुंथुनाथजी
श्री कुंथुनाथजी का भव्य नया देरासर है।
मूलनायक आदि ३, गर्भगृह में २, भमति में पट्ट और धातु की प्रतिमाजी है। प्रतिष्ठा सं. २०१४ फाल्गुन सुद ३ (श्रीज) शुक्रवार खतरगच्छिय कृपाचंद्र सूरि के पट्टधर उपाध्याय श्री सुखसागरजी के वरद हस्तों से संपन्न हुई। जैनों के घर ४०-५० है । उपाश्रय है। एक धर्मशाला भी है ।
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साथै मुरारीने लाव्या.... अबोलडा ४
गोगेलाव जैन देरासरजी
श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन भाग-१
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राजुल त्यागी गया गिरनारे,
पशुडानो सुणी पोकार.... अबोलडा ५ संयम लइ प्रभु मोक्षे सिधाव्या,
राजुल राणी प्रीत पुरव पाळी.
आवागमन निवार..... अबोलडा ६
विजय वन्दना अचळ हमारी,
मल्या जइ मोक्षने द्वार.... अबोलडा. ७
आ भव पार उतार.... अबोलडा. ८