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राजस्थान विभाग: ५ जालोर जिला
मूलनायक श्री महावीर स्वामी
श्री महावीर स्वामी चरणपादुका
९. वडगाँव
मूलनायक श्री महावीर स्वामी
यह तीर्थ प्राचीन है। यहाँ महावीर स्वामी पधारे थे ऐसा कहा जाता है। महावीर स्वामी की चरण पादुकाजी यहाँ है । राणीवाड़ा से १० कि.मी. के अंतर पर है। धानेरा और सिरोही के साथ रोड से जुड़ा हुआ है।
asगाँव जैन देरासरजी
महावीर सुकानी थइ ने संभाळ, साचो किनारो मुजने बताव,
नैया मधदरिओ डोलती;
तुं छे जीवननो सारथी.
जीवन नैया भवसागरमां डोलती, आशानी आगमां अंधारे झुलती बागे मायाना मोजा अपार, हां हुं तारा आधारथी महावीर. 9
वैभवना वायरा दिशा भुलावता,
आशाना आमला मनने डोलावता,
तोफान जाम्युं छे. दरिया मोझार,
होडी हलकार मारती महावीर. २
उंचे छे आम अने नीचे छे धरती,
जुठो जाण्यो आ सघळो संसार, कायानी नावनुं काचुं छे लाकडु,
दोरी भक्तिनी झाली किरतार,
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मान्यो छे अंक में साचो तुं सारथी,
जीवुं छु तारा आधारथी- महावीर. ३
तुं छे मदारी ने हुं हुं तारुं माकडु,
निककुं हुं खोटा संसारथी -महावीर. ४
तोफानी सागरथी नैयाने तारजो,
छल्ली अमारी आ अरजी स्वीकारजो,
प्रभुजी दर्शन दोने तत्काळ,
झुरुं हुं तारा वियोगथी महावीर. ५