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मूलनायक श्री शांतिनाथजी
सेवाडी जैन देरासरजी
३. सेवाडी
श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१
महावीर
प्राचीन मूलनायक कम
चार स्वामीजी
AUR
पूराने मूलनायक श्री महावीर स्वामी
मूलनायक श्री शेतिनाथजी
यह तीर्थ की स्थापना सं. ११७२ में हुई है । प्रतिमाएं भव्य
है
यह १३ वी सदी की है। सं. २०१४ फाल्गुन सु. १३ के दिन श्री शांतिनाथजी बावन जिनालय का जीर्णोध्यार हुआ है यह प्रतिमाएं संप्रति राजा के समय की है। पूराने मूलनायक महावीर स्वामी रंगमंडप में है और यशोभद्र सूरी की बड़ी मूर्ति रंगमंडप में है जीसमें सं. १२४४ का लेख है। भमति में मूलनायक मुनिसुव्रतस्वामी की श्याम मूर्ति संप्रति राजा के समय की भव्य और देदीप्यमान है । यह देरासर २००० साल पूराना है । जैनों के ४०० घर है । दो उपाश्रय और जैन धर्मशाला है । बाली से नाणा के रास्ते पर १६ कि.मी. के अंतर पर है । (राता) लाल महावीर स्वामी तीर्थ भी इसी रास्ते पर है । दूसरा देरासर बहार के भाग में है ।।
चालवल