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________________ ३७२) श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-2 Con 3 - 0 - 6 100 566666 १. बीजापुर °C A बीजापुर जैन देरासरजी श्रीसंभवनाथजी मूलनायक श्री संभवनाथजी ५०० से ६०० साल पूराना यह मंदिर है । मूलनायक संप्रति राजा के समय का है । बाजु में श्री चंद्रप्रभु स्वामी का देरासरजी है जैनों के १४० घर है । ४ उपाश्रय है आयंबील खाता और जैन पाठशाला भी है। मूलनायक श्री संभवनाथजी PROINNAR NAAAAAAAAAAAAA MAYAWAIHIDANANANAYAAAAAAAAAAAAAAAAAADAANIYA S २. हथुडी तीर्थ 'oooo मूलनायक श्री महावीर स्वामी यहाँ पहले हस्तीकुंडी नामक नगरी थी आज तो सीर्फ छोटासा : गाँव है । यहाँ के जैन बाली की ओर गये है, श्री राते महावीर स्वामी मूलनायक है । जो २००० साल पूराने है। यह देरासर भी २००० साल पूराना है | दो बडी धर्मशाला है । जैन भोजनशाला और उपाश्रय भी है | श्री हथुडी राता महावीर स्वामी मंदिर का निर्माण वीरदेव श्रेष्ठी द्वारा वि.सं. ३७० में हुआ था । प्रथम जीर्णोद्धार जैन राजपुत राजाओने वि.सं. ९९६ में करवाया था । वैसा लेख गर्भगृह में से निकला था । यह बार साख पर लिखा है । गर्भगृह की आगे की चौकी के स्तंभ में वि.स. १३३५-३६ का लेख मीला है । रंगमंडप में विजयानंद सू. म. की बडी मूर्ति है। हथुडी जैन देरासरजी नीचे भूयहरामें ३.१/२ से ४ फूट की श्री महावीर स्वामी की गुलाबी रंग की मूर्ति है और गले में माणेक की माला दो आंटेवाली मूर्ति के साथ है । यह सुंदर और दर्शनीय है । SSSSSSSSSSS
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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