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श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-2
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१. बीजापुर
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बीजापुर जैन देरासरजी
श्रीसंभवनाथजी
मूलनायक श्री संभवनाथजी
५०० से ६०० साल पूराना यह मंदिर है । मूलनायक संप्रति राजा के समय का है । बाजु में श्री चंद्रप्रभु स्वामी का देरासरजी है जैनों के १४० घर है । ४ उपाश्रय है आयंबील खाता और जैन पाठशाला भी है।
मूलनायक श्री संभवनाथजी
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२. हथुडी तीर्थ
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मूलनायक श्री महावीर स्वामी
यहाँ पहले हस्तीकुंडी नामक नगरी थी आज तो सीर्फ छोटासा : गाँव है । यहाँ के जैन बाली की ओर गये है, श्री राते महावीर स्वामी मूलनायक है । जो २००० साल पूराने है। यह देरासर भी २००० साल पूराना है | दो बडी धर्मशाला है । जैन भोजनशाला
और उपाश्रय भी है | श्री हथुडी राता महावीर स्वामी मंदिर का निर्माण वीरदेव श्रेष्ठी द्वारा वि.सं. ३७० में हुआ था । प्रथम जीर्णोद्धार जैन राजपुत राजाओने वि.सं. ९९६ में करवाया था । वैसा लेख गर्भगृह में से निकला था । यह बार साख पर लिखा है । गर्भगृह की आगे की चौकी के स्तंभ में वि.स. १३३५-३६ का
लेख मीला है । रंगमंडप में विजयानंद सू. म. की बडी मूर्ति है। हथुडी जैन देरासरजी
नीचे भूयहरामें ३.१/२ से ४ फूट की श्री महावीर स्वामी की गुलाबी रंग की मूर्ति है और गले में माणेक की माला दो आंटेवाली
मूर्ति के साथ है । यह सुंदर और दर्शनीय है । SSSSSSSSSSS