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________________ राजस्थान विभाग : १ सिरोही जिला मूलनायक २४. बावनी (भावरी) तीर्थ चयन श्री वासुपूज्य स्वामी मूलनायक श्री वासुपूज्य स्वामी यह प्राचीन देरासर है स्वरूपगंज से २ कि.मी. अंदर की बाजु में हैं । यहाँ से नितोडा ३ कि.मी. दूर है । De बावनी तीर्थ जैन देरासरजी २५. दीयाणा तीर्थ मूलनायक श्री जीवित स्वामी महावीर स्वामी यह प्रभुजी भगवान महावीर के भाई नंदिवर्धनने बनाया है और बावन जिनालय मंदिर भी बनाया है नाणा-दियाणा नांदिया जीवित स्वामी वांदिया यह प्रतिमाँ श्री महावीर स्वामी की विद्यमानता की है । पहले यहाँ कोई नगर होगा अभी यहाँ जंगल है पट और बावडी में १३-१४ सदी के लेख है । १४३६ में यहाँ पार्श्वनाथ चरित्र रचा गया है । यहाँ से स्वरूपगंज १८ कि.मी. दूर है । नितोडा तीर्थ होकर यहाँ आ सकते है । स्वरूपगंज महावीर भवन से जीप मील शकती है। धर्मशाला और भोजनशाला है । हे देव ! तारा दिलमां वात्सल्यना झरणां भर्या, हे नाथ ! तारा नयनमां करुणातणा अमृत भर्या, वीतराग तारी मीठी मधुरी वाणीमां जादु भर्या, तेथी ज अमे तारा शरणमां बाळक बनी आवी चडया (३५३ <- मूलनायक श्री जीवित स्वामी महावीर स्वामी
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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