SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 409
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३५२) 2072 172 X निकट के देरासरजी के मूलनायक श्री पार्श्वनाथजी 2015 मूलनायक श्री चितांमणि पार्श्वनाथजी 文學 文學 ऋण मूलनायक श्री पार्श्वनाथजी यह प्राचीन देरासरजी है । दूसरा भी पार्श्वनाथजीका देरासरजी है स्वरूपगंज से ६ कि.मी. की दूरी पर है। यहाँ का संघ अचलगढ तीर्थ आदी का वहीवट चलाता है। २३. नीतोड़ा तीर्थ • श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१ BIM nas usus रा नेत्रानंद करी भवोदधितरी, श्रेयस्तरोर्मंजरी; श्रीमद् धर्ममहानरेन्द्रनगरी व्यापल्लताधूमरी; हर्षोत्कर्ष शुभ प्रभाव - लहरी, रागद्विषांजित्वरी; मूर्तिः श्रीजिनपुंगवस्य भवतुं श्रेयस्करी देहिनाम् ENLAN किं कपूरमयं सुधारसमयं कि ! चन्द्ररोचिर्मय, किं लावण्यमयं महामणिमयं कारुण्यकेलिमयम्; विश्वानंदमयं महोदयमयं, शोभामयं चिन्मयम; शुक्लध्यानमयं, वपूर्जिनपतेर्भूयाद्भवालम्बनम् नीतोड़ा तीर्थ जैन देरासरजी मूलनायक श्री चितांमणि पार्श्वनाथजी यह तीर्थ छोटी मारवाड के पंचतीर्थ में गिना जाता है । यह Oax BARAM स्थान १२ वी सदी के पहले का है । मंदिर में बालेश्वर यक्ष की मूर्ति है । स्वरूपगंज से ५ कि.मी. और दियाणा से ८ कि.मी. दूर हैं 72 20
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy