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________________ ३४८) श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१ १६. नाणा TOP KOHOR नाणा जैन देरासरजी व्यु 52 KAMAN SOME मूलनायक श्री जीवीत स्वामी मूलनायक महावीर (जीवीत) स्वामी. २५०० वर्ष पूराना देरासर है । मूलनायक श्री महावीर स्वामी सं.१०६७ से १६५९ लेख मिलता है । जीवीत स्वामी बदलाये हैं। इस प्रतिमा पर १५०५ श्री शांतिसूरीश्वरजी म. का लेख है। बावन जिनालय के दर्शन करने योग्य है । गाँव में १३० जैनो के घर है । नंदीश्वर पट्ट १२७४ की साल का है । दो उपाश्रय और धर्मशाला है। बेडा से ६ कि.मी. दूर है। पाकीर से मूर्ति लाई गइ है । वह श्री पार्श्वनाथ मूलनायक है। १७. बेड़ा मूलनायक श्री संभवनाथजी सं. १६१२ में यह मंदिर बना था । रंगमंडप की एक प्रतिमा पर सं. १६७२ का लेख है । दूसरी प्रतिमाजी संप्रति राजा और कुमारपाल के समय की है | सिरोही जिले में बहुत देरासरजी और स्तंभ है । वैसे यहाँ भी ५०-७५ स्तंभ है। यहाँ बेडा में संभवनाथ बावन जिनालय प्राचीन है | जैनों के ३०० घर है । वहीवट जैन संघ द्वारा चलता है | उपाश्रय ४ है। एक धर्मशाला है । रंगमंडपमें ४ संभवनाथजी है जीसमें एक में सं. १२७२ का लेख है । पूराने मूलनायक श्री मुनिसुव्रतस्वामी प्राचीन है । नीचे लेख है । भमति में बहुत सी प्रतिमाजी संप्रति राजा और कुमारपाल राजा के समय की है । पूराने मूलनायक पर सं. १६३४ का लेख है। * * * * * *
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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