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मूलनायक श्री जीरावला पार्श्वनाथजी
१. रांदेर तीर्थ
मूलनायकजी श्री गोडीजी पार्श्वनाथ भगवान
प्राचीन मंदिर का वर्तमान में सम्पूर्ण जीर्णोद्धार हुआ है। मंदिर ८०० वर्ष प्राचीन है । प्रतिष्ठा बाकी है। बहुत ही प्राचीन प्रतिमायें हैं। सुरत से ब मिलती है।
२. सुरत
मूलनायकजी आदीश्वर भगवान गोपीपुरा इस विस्तार में दूसरे १० मंदिर है।
मूलनायक आदीश्वर दादा की बहुत प्राचीन प्रतिमाजी है। मंदिर के ऊपर
के भाग में शान्तिनाथ भगवान है। सामने श्यामवर्ण पार्श्वनाथ जी तथा बाहर के गोखले में प्राचीन प्रतिमा है। जीर्णोद्धार १०० वर्ष पूर्व हुआ। वर्तमान में थोड़ा सुधारा हुआ है और मंदिर की शोभा में वृद्धि हुई है।
श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन भाग-१
'रादेर तीर्थ जैन मंदिर
(२) श्री वासुपूज्य स्वामी ( संगराम पुरा सुरत)
तापी नदी के किनारे बसे सुरत शहर में इसके सिवाय दूसरे बहुत मंदिर है।
उपाश्रय बहुत है।
वड़ोदरा, भरूच, नवसारी स्थानों से एस. टी. बसें मिलती है। बम्बई रेल
मार्ग पर आया है। बड़ा शहर है। धर्म की नगरी है।
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