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________________ गुजरात विभाग : १ - भावनगर जिला (१३ प्रदान की थी जिससे यह स्थान और वृक्ष का खास महत्व हैं, यहाँ पर उनके चरण स्थापित किए गए हैं । ११९ से. ६३.५ से. मी. हैं । यहीं पर दूसरे भी बहुत मन्दिर हैं । जिनका वर्णन अशक्य हैं। आँखों से देखों और पवित्र बनो। इस पावन तीर्थ की यात्रा करके मानव-जीवन सफल बनाओ-यही शुभेच्छा हैं। स्टेशन से तांगा मिलता हैं। १.५ कि.मी. का फासला हैं । तलहटी तक पक्का रास्ता हैं। ऊपर जाने के लिए ३२१६ सीढ़िया हैं। डोली की व्यवस्था हैं। व्यवस्था - पालीताणा में अनेक मंदिर हैं । अनेक धर्मशालायें हैं । तमाम सुविधा हैं । अनेक धर्मशालाओं में भोजनालयों की व्यवस्था हैं। पहाड़ के सम्पूर्ण मार्ग में उबला हुआ पानी भी मिलता हैं । मेले के समय आनेवाले यात्रियों को धर्मशाला में आगे से बुकिंग करवा लेना जरुरी हैं। मूलनायक-श्रीआदीश्वरभगवान नैसर्गिक सौन्दर्य - पहाड़ पर पहुँचते ही ऐसा लगता है कि मानो हम बाकी के दिनों में व्यवस्था मिलती रहती हैं । पहाड पर मुख्य मंदिर के देवलोक में हैं । यहाँ आते ही मनुष्य नैसर्गिक सौन्दर्य देखकर खुश हो जाता पास बाथरुम, पूजा के वस्त्र, फूल वगैरह मिलते रहते हैं। चमड़े के बूट, हैं। हृदय भक्तिभाव से तरोताजा बन जाता हैं । संसार की चिन्ताओं से मुक्त | चप्पल ऊपर ले जाने की मनाई हैं। बन जाता हैं । यहाँ पर एक ही पर्वत पर बहुत मंदिरों का दिव्य दर्शन नीचे उतरते समय भाता-नाश्ता की व्यवस्था हैं। अलौकिक लगता हैं । पर्वत पर से पालीताणा का दृश्य और नीचे के मंदिर ऐसी सुन्दर यात्रा करने आनेवाले यात्रियों को चाहे जहाँ ठंडा पीना, अनुपम सुहावने दिखाई देते हैं । शत्रुजय नदी की ठंडी-ठंडी लहरें मन को नाश्ता, रात्रि भोजन करना उचित नहीं हैं। शान्ति प्रदान करती हैं। | तीर्थ स्थान में यथाशक्य छ'री पालकर यात्रा करना चाहिए। अन्त में पूर्व में तलाजातीर्थ, कदम्बगिरि तीर्थ के दर्शन होते हैं । पीछे हस्तगिरि | इतना ही निवेदन हैं कि इस शाश्वत महान तीर्थ की भक्तिभाव पूर्वक यात्रा तीर्थ तथा भाडवा डूंगर के दर्शन होते हैं । कर मानव-भव सार्थक करना चाहिये। .......अस्तु जो अनोखे आनंद के विषय बन जाते हैं। पेढ़ी- सेठ आनंदजी कल्याणजी की पेढ़ी, मार्गदर्शन - इस तीर्थस्थान पर पहुँचने के लिए पास में पालीताणा | जशकुंवर की धर्मशाला, तलेटी रोड, पालीताणा रेल्वेस्टेशन, बस स्टेशन वगैरह हैं । भावनगर रोड पर स्थित शिहोर से२९ | पिन- ३६४२७० किमी. हैं। अहमदाबाद से पालीताणा बस, रेल आदि मिलती हैं। रेल्वे जिला - भावनगर (गुजरात) टे. ने. ४८
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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