________________
२९४)
LIEDOR GAOLOLL
भुण गायक श्री.
ภา
D
S
मूलनायक श्री आदीश्वरजी (सासका
-
जैन मंदिर (सास का मंदिर)
१. कावी तीर्थ
मंदिर )
वान
श्री श्वेतांबर जैन तीर्थ दर्शन : भाग-१
લાયક
શ્રી ધર્મનાથ ભગવાન
ठ
ه
-
मूलनायक श्री धर्मनाथजी (बहुका मंदिर)
સોિ
मूलनायकजी श्री आदीश्वर भगवान
सर्वजीत प्रासाद (सास का मंदिर) रत्न तिलक प्रासाद (बहु का मंदिर)
श्री ऋषभदेव जी महाराज की पेढ़ी, कावी तीर्थ
गुजरात के भरूच जिला में आने वाला वि. सं. ८८३ के वर्ष का यह तीर्थ है। कावी का नाम कापी-कापीकानगरी थी। उसके बाद कंकावटी नगर के नाम से प्रख्यात हुआ। इस समय कावी नाम प्रसिद्ध है। वर्षो पूर्व बंदरगाह का व्यापार होने के कारण जैनों की ८०० घर की बस्ती थी। एक समय खंभात में व्यापार के हेतु बसे हुए बड़नगर निवासी (कहा जाता है कि a नागर जाति के थे और आ. श्री हीर सूरिजी म. के उपदेश से जैन बने थे।) भाडीक शेठ का पुत्र बाढुक शेठ इस तीर्थ की यात्रा करने आया। उसने जिन मंदिर बहुत जीर्ण-शीर्ण हुआ देखा इस कारण उन्होंने सं. १६४९ की साल में इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। उसमें श्री आदीश्वर भगवान की संप्रति महाराज के समय की मूल प्रतिमा थी। उसी प्रतिमा की प्रतिष्ठा आ. श्री वि. हीर सूरिजी महा. के शिष्य आ. श्री वि. सेन सूरिजी म. सा. के पास