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गुजरात विभाग : १ - भावनगर जिला
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श्री उजमबाई तथा साकरवसी टोंक दृश्य
जव टोकों का वर्णन
१ली टूक सेठ नरसी केशवजी की टोंक (सेठ नरसी केशवजी द्वारा विक्रम संवत १९२१ में निर्माण की गयी मूलनायक श्री शान्तिनाथ भगवान)
श्री टोंक चौमुखीजी की टोंक (गिरिराज पर सबसे ऊची टोंक है, बहुत दूर से टोंक का शिखर दिखाई देता है जिसका नवनिर्माण विक्रम संवत १६७५ में सेठ सदा सोमजी द्वारा करवाया गया था । -
इस टोंक के पीछे पांडवों के मंदिर में पाँच पाण्डव, माता कुन्ती, सती द्रोपदी की मूर्तियाँ हैं। इस ड्रंक पर मरुदेवी माता का प्राचीन मन्दिर हैं । टोंक के मूलनायक श्री आदीश्वर भगवान हैं । चौमुखी टोंक के बाहर भाग में चार मंदिरों का समूह है । जिनको खतर वसही कहते हैं ।
३ री टोंक छीपा बसही टोंक
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(छीपा भाईयों की विक्रम संवत १७९१ में निर्माण कराई हैं। मूलनायक श्री आदिनाथ भगवान)
४ थी टोंक - साकर वसही टोंक
(सेठ श्री साकरचंद प्रेमचन्द्र द्वारा विक्रम संवत १८९३ में बनवाई हैं मूलनायक श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ)
सेठ श्री बालाभाई की टोंक
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