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________________ गुजरात विभाग : १५ - वडोदरा जिला - ---RELETELEPEET-CELELETELELA मूलनायकजी - श्री कुंथुनाथ भगवान घडियाल पोल - जानीशेरी नाके कुन्थुनाथजी का प्राचीन मंदिर दिव्य प्रतिमाये चमत्कारी है। गुम्मट वाला है। शिखर बंदी शान्तिनाथ प्रभु का दूसरा मंदिर कोठी पाल मेनरोड पर आया हुआ है। वो बहुत ही जीर्ण हो गया था। जीर्णोद्धार बाद वि. सं. २००८ माघ सुदी ६ को प्रतिष्ठा हुई। उपदेशक पू. आ. श्री वि. प्रताप सूरिजी म., विजय धर्मसूरिजी म. की खडी प्रतिमाये है। लगभग यहाँ पर ३६ मंदिर है। बहुत सारे उपाश्रय है। यह प्राचीन सुन्दर नगर है । गायकवाडी राज्य था। राजमहल था। गुजरात, महाराष्ट्र के बहुत से भागों का राज यहाँ से चलता है। अहमदाबाद - बम्बई हाईवे तथा रेल मार्ग पर है। २. छाणी 傘傘傘傘傘傘傘傘傘傘傘來來來來來來來噢噢噢噢噢奥奥奥奥奥奥些 मूलनायक श्री शान्तिनाथजी .. छाणी जैन मंदिर मूलनायकजी- श्री शान्तिनाथजी यहाँ १००० वर्ष पूर्व का मंदिर है। संप्रति राजा के समय की प्रतिमाजी है। पार्श्वभाग में विशाल प्रतिमा आदीश्वर दादा की है। वि. सं. १७०० में अंजन हुई है। बहुत से स्थानों पर प्राचीन प्रतिमाये छाणी से लायी गयी है। ऐसा कहा जाता है। मंदिर को १०० वर्ष होते बडा महोत्सव हुआ। यहाँ के शताधिक साधु-साध्वी है और अनेक आचार्य है। इससे यह प्राचीन तीर्थ होगा-ऐसा मालूम होता है। वडोदरा से १० कि.मी. है। -------- - - ---TELENCER
SR No.002430
Book TitleShwetambar Jain Tirth Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendrasuri
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1999
Total Pages548
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size114 MB
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